भोपाल। बीजेपी के दो विधायकों को अपने पाले में लाने के बाद एक तरफ जहां कांग्रेस जश्न मना रही है तो वही मध्यप्रदेश केे दिग्गज कांग्रेसी नेता अजय सिंह ने नारायणी त्रिपाठी की घर वापसी पर सवाल खड़े किए हैं.
अजय सिंह ने कहा है कि नारायण त्रिपाठी को लाने से पहले पार्टी को यह सोचना चाहिए था, निष्ठावान कार्यकर्ताओं के ऊपर क्या गुजरेगी. हालांकि उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को अनुभवी नेता बताते हुए कहा कि पांच साल सरकार चलाने के लिए उन्होंने यह सोच समझकर ही यह कदम उठाया होगा !
अजय सिंह ने कहा इन लोगों के बारे में जो उनकी व्यक्तिगत राय है, वह जग जाहिर है. जहां तक आज की राजनीतिक संस्कृति है,उसके बारें में कुछ नहीं कहा जा सकता है.
नारायण त्रिपाठी के बारे मे मुझे और बोलने की जरुरत नही है !
गौरतलब है नारायण त्रिपाठी का दल बदल का लम्बा इतिहास रहा है, और वो कभी निर्दलिय, समाजवादी, कांग्रेस, भाजपा से होते हुये आज फिर कांग्रेस मे वापसी कर रहें है !
एक समय था जब अजय सिंह ने ही नारायण त्रिपाठी को कांग्रेस मे लाकर 2013 मे मैहर से टिकट दिया था और कांग्रेस के विधायक चुने गये थे लेकिन इन्ही नारायण त्रिपाठी ने 2014 लोकसभा चुनाव में जब अजय सिंह सतना लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे और उस दौरान मतदान से दो दिन पहले नारायण त्रिपाठी ने तात्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ मंच साझा करते हुये भाजपा मे चले गये थे और अजय सिंह महज चंद मतों से यह चुनाव हार गये थे !
कहतें है वक़्त करवट जरुर बदलता है, 2014 मे नारायण त्रिपाठी ने जिस भाजपा प्रत्यासी गणेश सिंह को कांग्रेस तथा अजय सिंह से गद्दारी कर के जीवन दान दिया था वही गणेश सिंह आज भरे मंच से नारायण त्रिपाठी को देख लेने की धमकी दे रहे थे, जिसकी बदौलत आज नारायण त्रिपाठी फिर से कांग्रेस मे भविश्य तलाश रहे !
आज के दौर की राजनीति यही है, दलबदल एक फैशन बन चुका है और व्यक्तिगत फायदे के लिये नेता जी लोग कभी भी पार्टी बदल ले रहे है, और मतदाता अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहें!
सीधी CHRONICLE
सही कहा भईया जी ने
ReplyDeleteJay ho rahul bhaiya
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