Wednesday 28 August 2019

क्या दिग्विजय के सियासी चाल को मात दे पाएंगे सिंधिया-कमलनाथ?अजय सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की कवायद तेज।


भोपाल. मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर एक बार फिर से खेमेबाजी की सियासत शुरू हो गई है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खेमे ने अध्यक्ष पद के लिए लामबंद होने लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि तीनों खेमे के नेता दिल्ली में अपनी-अपनी दावेदारी पेश करने में जुटे हुए हैं।

दिग्विजय भी हुए सक्रिय ।
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह मंगलवार को पूर्व मंत्री अजय सिंह के निवास पर पहुंचे। उनके साथ प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह भी मौजूद थे। अजय सिंह और गोविंद सिंह दोनों ही दिग्विजय सिंह के करीबी नेता माने जाते हैं। बताया जा रहा है कि तीनों नेताओं के बीच करीब 3 घंटे तक मुलाकात चली। हालांकि बंद कमरे के बीच क्या बातें हुईं ये कोई नहीं जानता पर कहा जा रहा है कि अजय सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की कवायद की जा रही है।

दिग्विजय ने कहा- उपयुक्त व्यक्ति का होगा चयन
तीनों नेताओं की मुलाकात के बाद जब दिग्विजय सिंह बाहर आए तो मीडिया से बात करते हुए उन्होंने केवल इतना कहा कि मैं अध्यक्ष पद की दौड़ में नहीं हूं लेकिन उपयुक्त नेता को अध्यक्ष बनना चाहिए। वहीं, डॉ गोविंद सिंह ने तो अपनी इच्छा जाहिर कर दी। डॉ गोविंद सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मैं अध्यक्ष बनना चाहता हूं लेकिन मुझे बनाएंगे नहीं।

पहले भी सामने आया था अजय सिंह का नाम ।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के समय भी अजय सिंह का नाम प्रदेश अध्यक्ष के लिए सामने आया था। हालांकि इस दौरान पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने निर्णय लिया था कि मुख्यमंत्री कमल नाथ के नेतृत्व में ही लोकसभा के चुनाव लड़े जाएंगे।

क्या कहा सिंधिया ने ?
प्रदेश अध्यक्ष की मांग को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साफ कहा है कि ये फैसला दिल्ली में लिया जाएगा। पार्टी में किसे क्या जिम्मेदारी मिलती है ये हाई कमांड तक करता है।

बाला बच्चन का नाम रेस में ।
कमलनाथ के करीबी और प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन का नाम कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में है। बाला बच्चन मध्यप्रदेश के गृहमंत्री हैं और सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ चाहते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष किसी आदिवासी नेता को बनाया जाए। अगर बाला बच्चन प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो ऐसे में कमलनाथ खेमा एक बार फिर से मजबूत होगा। कांग्रेस की परंपरा के अनुसार, प्रदेश अध्यक्ष का पद सीएम की पवार के बराबर होता है।

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