Tuesday 18 June 2019

मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ आज राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर रहे हैं !!


भोपाल| मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ आज राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर रहे हैं | लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा तेज है, इस बीच राज्यपाल से होने वाली सीएम की इस मुलाकात के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। सीएम, राजभवन पहुंच चुके हैं और वे राज्यपाल से लगभग 30 मिनट तक चर्चा करेंगे। हालाँकि इस मुलाकात को सौजन्य भेंट बताया जा रहा है। वहीं बजट सत्र के सम्बन्ध में सीएम चर्चा करेंगे,  चर्चा है इस मुलाकात के दौरान मंत्रिमंडल विस्तार के समबन्ध में सीएम गवर्नर से चर्चा कर सकते हैं|  
मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली से लौटे हैं और लम्बे समय से मंत्रिमंडल की चर्चा तेज है| चर्चा है कि छह मंत्रियों को बाहर कर छह विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है| इनमे निर्दलीय विधायकों को भी शामिल किया जाएगा| निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह ठाकुर शेरा भैया पूरे दावे के साथ कह चुके हैं कि उनका मंत्री बनना तय है, वहीं इसके अलावा भी कई नाराज विधायकों को भी मौक़ा दिया जाना है|  चर्चा है कि वर्तमान कैबिनेट से छह मंत्रियोंं को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि बाला बच्चन, सुरेंद्र सिंह बघेल, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, ओमकार सिंह मरकाम और प्रियव्रत सिंह की विदाई हो सकती है। इन्हें संगठन में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है, लोकसभा के नतीजों के बाद से ही ऐसी अटकलें हैं कि छह मंत्रियों की छुट्टी की जा सकती है जिससे अन्य वरिष्ठ विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया जा सके। इस बीच कमलनाथ की एक चिट्ठी को लेकर भी चर्चाएं गर्म है,  मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीएम चाहते हैं कि सिंधिया और दिग्विजय के गुट से दो दो मंत्री को हटाया जाए। इसके लिए वह स्वयं ही नाम दें। प्रदेश में कांग्रेस के अलग अलग गुटों के कोटे से कैबिनेट में मंत्रियों को जगह दी गई है। इनमें सिंधिया और दिग्विजय सिंह के भी करीबी शामिल हैं।  दिग्गी राजा का दबदबा अन्य के मुकाबले अधिक है।
सूत्रोंं के मुताबिक कमलनाथ छह नए चेहरोंं को कैबिनेट में शामिल करना चाहते हैं। इनमें निर्दलीय और अन्य दलों के विधायक भी शामिल होंगे। विपक्षी पार्टी बीजेपी लगातार कमलनाथ के सफर को छोटा बताने का दावा करती रही है। कांग्रेस को डर है कि कहीं पार्टी के विधायक का सौदा न हो जाए। जिससे उनकी सरकार पर खतरा आ जाए। इन सब से बचने के लिए और सरकार में स्थिरता लाने के लिए कमलनाथ कैबिनेट का दोबारा गठन करना चाहते हैं। बुरहानपुर से निर्दलीय जीते विधायक शेरा समय समय पर सरकार पर दबाव बनाते रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के कई वरिष्ठ विधायक भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इनमें केपी सिंह, एंदल सिंह कंसाना जैसे दिग्गज नाम भी शामिल हैं। 

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