Friday 28 June 2019

मध्यप्रदेश के नये कांग्रेस अध्यक्ष के ऐलान की अटकलें तेज, अजय सिंह पर बन सकती है सहमति, सिंधिया को मनाना चुनौती !


भोपाल| लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन में बदलाव की चर्चा जारों पर है| पार्टी में चिंतन-मंथन, एक दौर की बैठकें हो चुकी हैं| लेकिन नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा इस पर फैसला नहीं हो पाया| अब एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की अटकलें तेज हो गई हैं| 
मुख्यमंत्री बनने के बाद भी तथा अब लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद कमलनाथ ने मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की पेशकश की थी| इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ शनिवार को दिल्ली पहुंचेंगे, जहां वे अलग अलग नेताओं से मुलाकात करेंगे, जिसमे प्रदेश की कमान किसे सौंपी जाए इस पर भी मंथन हो सकता है| 
दरअसल, विधानसभा चुनाव में जीत के बाद जब कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया तब भी प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की संभावना थी, लेकिन हाई कमान ने लोकसभा चुनाव तक कमलनाथ को ही यह जिम्मेदारी देने का फैसला रखा| लेकिन छह माह के भीतर ही प्रदेश में परिणाम उलट आये तो संगठन में बदलाव की मांग फूट पड़ी और कई नेता खुलकर प्रदेश अध्यक्ष बदलने की चर्चा करने लगे| हालाँकि कमलनाथ खुद प्रदेश अध्यक्ष नहीं बने रहना चाहते क्यूंकि उनका फोकस सरकार चलाने पर है, दोहरी जिम्मेदारियों के चलते जल्द ही पीसीसी चीफ की कमान किसी अन्य नेता को सौंप सकते हैं| 
अजय सिंह पर बन सकती है सहमति, सिंधिया को मनाना चुनौती !
कमलनाथ अगर इस्तीफा देते हैं तो नया पीसीसी चीफ कौन होगा इसको लेकर कई नाम चर्चा में  है, लेकिन सबसे प्रबल दावेदार पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को माना जा रहा है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस पद के लिए दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री कमलनाथ पूर्व नेता प्रतिपक्ष का नाम आगे बढ़ा सकते हैं। दोनों ही नेता चाहते हैं कि इस पद पर अजय सिंह काबिज हो। राजनीति के गलियारों में यह बात पहले से चर्चित है कि दिग्विजय सिंह और सिंधिया घराने में सिायसी उठापटक चलती रहती है। दिग्विजय सिंह पीसीसी चीफ के लिए उनके खेमे के किसी व्यक्ति को लाना चाहते हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह दोनों ही के करीबी माने जाता हैं। यही नहीं, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया भी उनके समर्थन में हैं। वहीं, दूसरी ओर सिंधिया समर्थक अपने नेता को इस पद पर बैठा देखना चाहते हैं। वह इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं। हाल ही में सिंधिया लोकसभा चुनाव हारे हैं। उनके हार के बाद से ही सिंधिया समर्थक उन्हें पीसीसी चीफ बनवाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने बकायदा एक अभियान भी छेड़ रखा है। सिंधिया समर्थक मंत्री इमरती देवी और गोविंद राजपूत ने पूर्व में मांग की थी सिंधिया को पीसीसी चीफ बनाना चाहिए। सीएम पद के लिए भी सिंधिया बराबरी के दावेदार थे, अब इस बार भी अगर उनका पत्ता कट होता है तो पार्टी को सिंधिया समेत उनके समर्थकों को मनाना चुनौती होगी| 

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