Tuesday 13 August 2019

सोनिया गांधी एक्शन मोड में, कड़ाई से लागू हो सकता है एक व्यक्ति-एक पद' का सिद्धांत ।

अंतरिम अध्यक्ष बनते ही सोनिया गांधी ने अपने रणनीतिकारों से 'एक व्यक्ति-एक पद' जैसे विषयों पर चर्चा शुरू कर दी है. यदि ऐसा होता है तो गुलाम नबी आज़ाद, कमलनाथ और सचिन पायलट जैसे कई बड़े नेता इससे प्रभावित हो सकते हैं। अगर मध्यप्रदेश की बात करें तो CM कमलनाथ के साथ साथ मंत्री उमंग सिंघार और विधायक कुणाल चौधरी भी इस दायरे में आ सकते हैं ।


कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनते ही सोनिया गांधी संगठन को दुरुस्त करने में जुट गई हैं. पार्टी में अब 'एक व्यक्ति-एक पद' का सिद्धांत कड़ाई से लागू करने की तैयारी की जा रही है. वैसे तो पार्टी इस सिद्धांत का पालन कर रही है, लेकिन अपवाद के तौर पर पार्टी में कुछ नेताओं पर एक से ज्यादा ज़िम्मेदारियां हैं. सूत्रों का दावा है कि अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी ने अपने रणनीतिकारों से इन विषय पर चर्चा शुरू कर दी है. पार्टी के कुछ बड़े नाम इस प्रक्रिया में प्रभावित हो सकते हैं.

कांग्रेस में काफी पहले से लागू है 'एक व्यक्ति-एक पद' का सिद्धांत ।

कांग्रेस में ज्यादा से ज्यादा लोगों को फैसले लेने की भूमिका में देखने के लिए कांग्रेस ने काफी पहले एक व्यक्ति को एक ही पद देने का फैसला लिया था. पार्टी ने ये काम सत्ता का गांधी परिवार और उनके कुछ खास नेताओं के पास केन्द्रीयकरण के आरोप से बचने के लिए किया था.

यही वजह है कि कभी एक दर्जन से ज्यादा राज्यों का एक प्रभारी बनाने वाली कांग्रेस ने हाल में राहुल गांधी के निर्देश पर एक व्यक्ति को एक ही राज्य का प्रभारी या प्रभारी महासचिव बनाने का फैसला किया था. इसका ज्यादातर मामलों में पालन भी हुआ, लेकिन कुछ ऐसे नेता अब भी हैं जो दो पदों पर जमे हुए हैं.


अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी ने अपने रणनीतिकारों से इन विषय पर चर्चा शुरू कर दी है और आने वाले दिनों में 'एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत' कड़ाई से लागू करवाने की योजना बन रही है.

आइये अब जानतें है एक से ज्यादा पदों पर काबिज़ नेताओं के बारे में ।


आइए अब आपको बताते हैं ऐसे कौन कौन से नेता हैं जो एक साथ दो पदों पर काबिज हैं --

  • पहला नाम है ग़ुलाम नबी आजाद का, आज़ाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता के साथ ही राष्ट्रीय महासचिव हैं जो हरियाणा के प्रभारी भी हैं.
  • दूसरा नाम कमलनाथ का है, जो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों पदों पर अब तक एक साथ विराजमान हैं.
  • तीसरा नाम सचिन पायलट का है, जो राजस्थान के उपमुख्यमंत्री होने के साथ राजस्थान में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं.
  • चौथा नाम नाना पटोले का है जो अध्यक्ष, किसान मजदूर कांग्रेस भी हैं और चेयरमैन, कैम्पेन कमेटी- महाराष्ट्र कांग्रेस भी.
  • पांचवां नाम नितिन राउत का है जो अध्यक्ष, अनुसूचित जाति सेल-कांग्रेस और कार्यकारी अध्यक्ष, महाराष्ट्र कांग्रेस हैं.
  •  छठा नाम उमंग सिंघार का है जो कैबिनेट मंत्री, मध्य प्रदेश सरकार और प्रभारी सचिव-झारखंड भी हैं. 
  • सातवां नाम कुणाल चौधरी का है जो मध्यप्रदेश के कालापीपल से विधायक है और युवा कांग्रेस मध्यप्रदेश के अध्यक्ष हैं, ये कुछ प्रमुख नाम हैं जिनपर आने वाले दिनों में गाज गिर सकती है और उनका रसूख कम हो सकता है.


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