Saturday 15 June 2019

मध्यप्रदेश बिजली कटौती : अब तक 650 पर कार्रवाई, कटौती में कमी आई पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं, रीति पाठक का स्ट्रीट लाईट के उजाले मे लालटेन लेकर बिरोध !


भोपाल।सीधी : प्रदेश में फरवरी से लेकर अब तक बिजली सप्लाई के मामले में लापरवाही बरतने की वजह से करीब 650 अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। अप्रैल में लोकसभा चुनाव के पूर्व बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निलंबित किया गया। फॉल्ट दूर करने में देर की वजह और बिना ठोस कारण के बिजली गुल हाेने से आउट सोर्स कर्मचारियों को प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों से बाहर का रास्ता भी दिखाया गया।
गौरतलब है कि अप्रैल में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई थी। मुख्य सचिव एसआर मोहंती के स्पष्ट निर्देश थे कि किसी भी स्तर पर जो भी लापरवाही करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। केवल अप्रैल में ही करीब 500 कर्मचारियों को बर्खास्त और निलंबित किया गया था। हालांकि इतनी कार्रवाई होने के बाद भी कहीं-कहीं से अघोषित कटौती के मामले सामने आ रहे हैं। इन पर पूरी तरह रोक नहीं लगी है। 
217 को नौकरी से निकाला था: अप्रैल के तीसरे सप्ताह में 387 अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई गई। इनमें से 217 को नौकरी से निकाल दिया गया और 142 को सस्पेंड किया गया था। लापरवाही बरतने वाले 28 कर्मचारियों को नोटिस दिए गए थे। सभी कलेक्टर्स से मुख्य सचिव ने फीडबैक लिया और लापरवाही करने वालों पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे। 
कमी आई पर कटौती जारी: प्रदेश मे अघोषित कटौती अब भी जारी है लेकिन सीएम की सख्ती और बैठक के बाद ऐसे मामलों में कमी आई है। 
भाजपा का विरोध प्रदर्शन : पन्द्रह साल बाद एक बार फिर बिजली कटौती का मुद्दा मध्यप्रदेश मे गूंजा, भाजपा ने अघोसित बिजली कटौती के खिलाफ पुरजोर प्रदर्शन किया।
पुर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुजालपुर मे  लालटेन रैली की वही राजधानी मे प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, सांसद प्रज्ञा ठाकुर और पुर्व मन्त्री विश्वाश सारंग ने मोर्चा सम्भाला , इसी तारतम्य मे सीधी सांसद रीति पाठक ने भी स्ट्रीट लाइट के उजाले मे लालटेन जलाकर बिजली कटौती का बिरोध किया जो आज कल सोशल मीडिया मे चर्चा का बिषय बना हुआ है।

उर्जा मन्त्री का पलट्वार: भाजपा के विरोध प्रदर्शन पर प्रदेश के उर्जा मन्त्री प्रियब्रत सिंह ने कहा की भाजपा की कांग्रेस को बदनाम करने की ये साजिश है।

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